बंगाल मे संत पर हमला अधूरी रह गई विश्व शांति और सनातन धर्म की रक्षा के लिये उनकी दंडवत यात्रा की प्रतिज्ञा…

बंगाल मे संत पर हमला अधूरी रह गई विश्व शांति और सनातन धर्म की रक्षा के लिये उनकी दंडवत यात्रा की प्रतिज्ञा…

संकलप पूरा होने से पहले ही असमाजिक तत्वों ने की बेरहमी से पिटाई वस्त्र और जनेव भी फाड़े …

विभिन्न मंदिरों मे भटक रहे संत ने बाकि के 9 ज्योतिलिंग दर्शन करवाने के लिये की लोगों से अपील…

जान बचाकर भागे संत ने आसनसोल पहुंचकर रोरोकर सुनाई अपनी आप बीती…

आसनसोल(ASANSOL): पश्चिम बंगाल आसनसोल कुलटी के बराकर रेलवे स्टेशन स्थित हनुमान मंदिर मे पिछले कई दिनों से सरण लिये हुए 39 वर्षीय संत लकी मिश्रा पश्चिम बंगाल पूर्व मेदनीपुर जिले के बखराबाद इलाके मे उस समय कुछ असमाजिक तत्वों के लोगों के हैवानियत के शिकार हो गए जब वह विश्व शांति और सनातन धर्म की रक्षा के लिये दंडवत यात्रा की संकल्प लेकर उत्तराखंड केदारनाथ से 12 ज्योतिलिंग पर निकले थे, संत लकी मिश्रा ने 2018 मे उत्तराखंड स्थित केदारनाथ का दर्शन कर 2019 मे उत्तर प्रदेश स्थित काशी विश्वनाथ का दर्शन किए थे, उसके बाद वह झारखंड के देवघर पहुँचे थे, जहाँ उन्होंने बाबा बैधनाथ धाम का दर्शन किया और फिर वह जामताड़ा होते हुए चितरंजन के रास्ते आसनसोल पहुँचे, जिसके बाद 2020 मे कोरोनाकाल आ गया और पुरे देश मे लॉक डाउन की घोषणा हो गई, ऐसे मे संत लकी मिश्रा को अपना दंडवत यात्रा रोकनी पड़ी और वह डिसरगढ़ मे शरण ले लिये, जब 2021 मे लॉक डाउन खुली तो संत ने अपनी दंडवत यात्रा एक बार फिर शुरू की और वह उड़ीसा होते हुए आंध्रप्रदेश स्थित मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिये आगे बढ़ गए, वह डिसरगड़ पुल पार कर पुरुलिया जिले मे प्रवेश कर गए और फिर वह मधुकुंडा होते हुए बांकूड़ा के सालतोड़ पहुंचे, जहाँ से वह पूर्व मेदनीपुर जिले मे प्रवेश कर गए और नारायणगड़ होते हुए वह बखराबाद पहुँचे, वह बेलदा प्रवेश करने ही वाले थे की उनके ऊपर 2024 के मई महीने मे कुछ असमाजिक तत्वों के लोगों ने हमला कर दिया, संत की बेरहमी से पिटाई तो की ही साथ मे उनके वस्त्र भी फाड़ दिए, यहाँ तक की उनका जनेव तोड़कर उनको मांस भी खिलाया साथ ही उनके ऊपर पिसाब भी कर दिया, इसी बिच संत असामाजिक तत्वों की भीड़ से जैसे -तैसे बच -बचाकर जंगल घने जंगल की तरफ भाग निकले और भागते -भागते वह जिस रास्ते से दंडवत यात्रा कर पूर्वमेदनीपुर जिले के बखराबाद पहुँचे थे, उसी रास्ते से होकर वह दोबारा डिसरगड़ पहुँच गए, जहाँ उन्होंने लॉक डाउन के समय सरण लिया था, पिछले कई महीनों से संत लकी मिश्रा आसनसोल के विभिन्न मंदिरों के चक्कर काट रहे हैं, भूखे प्यासे विश्व शांति व सनातन धर्म की रक्षा के लिये वह अपनी अधूरी संकल्प को पूरा करने के लिये लोगों से मदद मांग रहे हैं, संत लकी मिश्रा वैसे तो बिहार के भागलपुर के रहने वाले हैं, पर वह कई वर्षों से उत्तराखंड के चमोली जिले के माना गाँव मे रहकर भगवान शिव और भगवान विष्णु सहित कई अन्य देवी देवताओं के पूजा और कथा कहते हैं, संत लकी मिश्रा की अगर माने तो उनकी शुरू से ही इच्छा थी की वह सनातन धर्म के लिये कुछ करें विश्व शांति के लिये कुछ करें, संत अपनी उसी दृढ़ इच्छा को पूरा करने के लिये, केदारनाथ मंदिर जाकर भगवान शिव के सामने यह संकल्प लिया की वह दंडवत कर उनके 12 ज्योतिलिंग का दर्शन करेंगे, जिससे विश्व शांति और सनातन धर्म की रक्षा होगी, उन्होंने कुलटी के भाजपा विधायक डॉक्टर अजय पोद्दार और भाजपा के राज्य सत्तरीय नेता कृषनेन्दु मुख़र्जी से मुलाक़ात की, उन्होंने उनसे भी अपनी संकलप को पूरा करवाने के लिये मदद मांगी है, उन्होंने कहा है की उन्होंने कभी नही सोंचा था की बंगाल मे उनके साथ ऐसा होगा, उनको इस तरह पड़ताड़ित किया जाएगा, उन्होंने भाजपा विधायक और भाजपा नेता से सुरक्षा मांगी है और बंगाल के पूर्वमेदनीपुर जिले बखराबाद और बेलदा को पार करवाकर उड़ीसा प्रवेश करवाने की अपील की है, ऐसे मे भाजपा विधायक डॉक्टर अजय पोद्दार और भाजपा के राज्य स्तरीय नेता कृष्णनेंदू मुखर्जी ने उनके इस दृढ़ संकल्प को पूरा करवाने का आस्वासन भी दिया है.

NEWSANP के लिए अतीक रहमान की रिपोर्ट

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