पिंजरे में डालते ही नींद से जागी बाघिन, डर से चिल्लाए लोग- अरे उठी गेलो…

पिंजरे में डालते ही नींद से जागी बाघिन, डर से चिल्लाए लोग- अरे उठी गेलो…

बाघिन ‘जीनत’ को आखिरकार बांकुड़ा के रानीबांध के गोसाईडीही जंगल से पकड़ लिया गया है. इसके बाद वन अधिकारियों ने राहत की सांस ली. नींद की गोली कई बार दागी गयी थी. बाघिन को ओडिशा के सिमलीपाल अभ्यारणय में ले जाया जायेगा.

कोलकाता(KOLKATA): आखिरकार बाघिन ‘जीनत’ को पकड़ लिया गया. वनकर्मियों की नजर जब जीनत पर पड़ी तो उसे सुलाने के लिए नींद की गोली दागी गई. उसके बेहोश होते ही वनकर्मियों ने पिंजरे में उसे कैद कर लिया. पूरे घटनाक्रम का वीडियो सामने आया है. इसमें नजर आ रहा है कि कुछ लोग कंधे पर बाघिन को टांगकर ला रहे हैं. इसके बाद उसे पिंजरे में डाला गया. उसे पिंजरे में डालने की कोशिश की ही जा रही थी कि वह जाग गई. इसके बाद वहां मौजूद लोग कहते सुने जा सकते हैं- अरे उठी गेलो…इसके बाद लोग डर जाते हैं. शनिवार की सुबह जीनत पुरुलिया के पहाड़ी जंगल से होकर बांकुड़ा के रानीबांध के गोसाईडीही गांव के पास के जंगल में घुस गयी थी. इसके बाद से वनकर्मी लगातार बाघिन जीनत पर पैनी नजर रख रहे थे. इलाके में नायलॉन का जाल लगाया गया था. आग तक लगायी गयी थी. इलाके में बैरिकेडिंग कर दी थी.

बाघिन ‘जीनत’ पर शनिवार से ही रेडियो कॉलर और ड्रोन की मदद से बाघिन के लोकेशन पर कड़ी निगरानी रखी गयी. बाघिन को पकड़ने के लिए इलाके को नायलॉन जाल से घेरा गया था. लेकिन फिर भी उस पर काबू नहीं पाया जा सका था. उसे पकड़ना मुश्किल हो रहा था. मामले ने वन विभाग की चिंता बढ़ा दी. शनिवार दोपहर को जब वनकर्मियों की नजर जीनत पर पड़ी थी तो उसे वश में करने के लिए नींद की गोली दागी गयी थी. गोली बाघिन को लगी कि नहीं इसे लेकर वन विभाग के लोग कंफर्म नहीं थे.रविवार की सुबह बाघिन की आवाज और पैरों के निशान देखकर सभी संशय में पड़ गये. इलाके को जाल से घेर दिया गया. इससे पहले शनिवार को दो बार नींद की गोली दागी गयी थी. फिर भी जीनत काबू में नहीं आयी थी. रविवार को भी सुबह गोली दागी गयी लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई कि उसे गोली लगी कि नहीं. दोपहर को फिर चौथी बार गोली दागी गयी और आखिरकार बाघिन जीनत काबू में आ गयी.

NEWSANP के लिए कोलकाता से ब्यूरो रिपोर्ट

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