धनबाद (DHANBAD): नेशनल हेराल्ड केस कांग्रेस के नेतृत्व के खिलाफ एक राजनीतिक प्रतिशोध का जीवंत उदाहरण है। यह मामला न तो कानूनी आधार पर टिकता है और न ही नैतिक आधार पर। इसका उद्देश्य केवल कांग्रेस नेताओं को बदनाम करना, उनकी छवि को धूमिल करना और देश के वास्तविक मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाना है।
भारतीय जनता पार्टी जानती है कि वह महंगाई, बेरोजगारी और लोकतंत्र के संघर्ष जैसे मुद्दों पर कांग्रेस का सामना नहीं कर सकती। इसलिए वह प्रवर्तन निदेशालय (ED), केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और आयकर विभाग (IT) जैसे सरकारी संस्थानों का दुरुपयोग कर रही है।
नेशनल हेराल्ड एक राष्ट्रीय विरासत है, जिसकी स्थापना पंडित जवाहरलाल नेहरू और स्वतंत्रता सेनानियों ने की थी। यह एक गैर-लाभकारी मीडिया हाउस है, जिसका उद्देश्य मुनाफा कमाना नहीं, बल्कि सच्चाई को सामने लाना है। लेकिन मोदी सरकार सच्चाई से डर रही है।
आज जब देश में पत्रकारिता खतरे में है और मीडिया का एक बड़ा हिस्सा ‘गोदी मीडिया’ बन गया है, तब नेशनल हेराल्ड जैसे प्लेटफॉर्म्स की आवाज दबाई जा रही है। लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। हम सच्चाई के साथ खड़े हैं – और सच्चाई की जीत होगी।
कांग्रेस पार्टी ने इस मामले को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ करार दिया है और कहा है कि यह कार्रवाई देश के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए की जा रही है। पार्टी का कहना है कि कोई कानून नहीं टूटा है और यह सब केवल विपक्षी नेताओं को डराने के लिए किया जा रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में पार्टी ने एक बैठक की, जिसमें इस मुद्दे पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई है।
कांग्रेस प्रवक्ता डोली शर्मा ने कहा है कि “1947 से पहले ब्रिटिश सरकार ने नेशनल हेराल्ड, गांधी परिवार और कांग्रेस पार्टी से चिढ़ थी, और अब 2025 में संघियों को चिढ़ हो रही है।”
कांग्रेस पार्टी का मानना है कि यह मामला न केवल उनके नेताओं के खिलाफ है, बल्कि यह लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ भी है। पार्टी ने कहा है कि वह इस लड़ाई को सड़कों पर लड़ेगी और सच्चाई की जीत सुनिश्चित करेगी।
धनबाद में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डोली शर्मा और कांग्रेस जिलाध्यक्ष संतोष के समक्ष धनबाद की महिला समाजसेवी अर्चना राय आज कांग्रेस में शामिल हो गई…उन्होंने बताया कि पार्टी के नीति और सिद्धांत के साथ राहुल गांधी की सोच से प्रभावित हो कर वो कांग्रेस में शामिल हुई है…
नेशनल हेराल्ड केस पर कांग्रेस का पक्ष
• राजनीतिक प्रतिशोध का मामला: यह केस कांग्रेस नेतृत्व, विशेषकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी, को बदनाम करने के लिए राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण है।
• इतिहासिक विरासत: नेशनल हेराल्ड अखबार 1938 में पंडित नेहरू द्वारा स्थापित किया गया था, जो स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था।
• आर्थिक सहायता: Associated Journals Limited (AJL) को कांग्रेस पार्टी ने आर्थिक संकट के समय ₹90.21 करोड़ का ब्याज-मुक्त ऋण दिया था।
• यंग इंडियन की स्थापना: AJL के ऋण को प्रबंधित करने के लिए एक गैर-लाभकारी कंपनी, यंग इंडियन, की स्थापना की गई, जिसमें राहुल गांधी और सोनिया गांधी की हिस्सेदारी थी।
• कोई व्यक्तिगत लाभ नहीं: यंग इंडियन एक सेक्शन 25 कंपनी है, जो लाभ वितरण की अनुमति नहीं देती है। कांग्रेस नेताओं को इस व्यवस्था से कोई व्यक्तिगत वित्तीय लाभ नहीं हुआ है।
• संपत्ति की जब्ती: प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा ₹751.9 करोड़ की संपत्तियों की जब्ती को कांग्रेस ने अत्यधिक और अनुचित बताया है, विशेषकर जब कोई व्यक्तिगत लाभ या धन के दुरुपयोग का प्रमाण नहीं है।
• कार्रवाई का समय: ED की कार्रवाइयाँ आगामी चुनावों के समय के साथ मेल खाती हैं, जिससे यह संदेह होता है कि यह बेरोजगारी और महंगाई जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास है।
NEWSANP के लिए धनबाद से कुंवर अभिषेक सिंह की रिपोर्ट

