झारखंड(JHARKHAND):झारखंड में लगातार नक्सली संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. साथ ही नक्सली गतिविधियों में शामिल लोगों को मुख्य धारा से जुड़ने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है. इसी बीच आज, 25 सितंबर को चाईबासा में भाकपा माओवादी संगठन से जुड़े 10 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है. नक्सलियों के सरेंडर करने से झारखंड राज्य विशेषकर पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा में माओवादियों की गतिविधि पर अंकुश लगेगा.
सभी की उम्र 20-22 वर्ष के बीच
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में एरिया कमेटी सदस्य रांदो बोइपाई उर्फ कांति बोईपाई, दस्ता सदस्य गार्दी कोड़ा , जॉन उर्फ जोहन पुरती, नीरसो सिदू, घोनोर देवगम, गोमेया कोड़ा उर्फ टारजन, कैरा कोड़ा, कैरी कायम उर्फ गुलांची, प्रदीप सिंह मुंडा और सावित्री गोप उर्फ मुतुरी शामिल हैं. सावित्री की उम्र करीब 18 वर्ष है. वहीं अन्य सभी सदस्यों की उम्र 20-22 वर्ष के बीच है. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में चार महिलाएं शामिल हैं.
सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति
मालूम हो नक्सली गतिविधियों में शामिल लोगों को मुख्य धारा में शामिल करने के लिए झारखंड सरकार ने एक आकर्षक आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति बनायी है. इसका बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है. पश्चिमी सिंहभूम और चाईबासा जिलांतर्गत झारखंड सरकार के प्रत्यार्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर विगत 03 वर्षों में कुल 26 नक्सली मुख्य धारा में जुड़ चुके हैं.
3 सालों में मारे गये 10 नक्सली
इसी क्रम में पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा जिलांतर्गत वर्ष 2022 से अब तक कुल 9631 अभियान संचालित किये गये है, जिसके फलस्वरूप विगत 03 वर्षों में कुल 175 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं मुठभेड़ में 10 नक्सली मारे गये हैं. इसके अलावा भारी मात्रा में विस्फोटक, हथियार, कारतूस तथा नक्सलियों द्वारा उपयोग लाये जाने वाले अन्य सामान भी बरामद किये गये हैं.
NEWSANP के लिए झारखंड से ब्यूरो रिपोर्ट

