दिल्ली (DELHI): राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एक बार फिर जहरीली धुंध की गिरफ्त में आ गई है. सोमवार, 3 नवंबर की सुबह जैसे ही लोगों ने आंखें खोलीं, आसमान पर एक मोटी धुंध की चादर छाई दिखी. सांस लेना मुश्किल हो गया और शहर की हवा ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को एक बार फिर चिंता में डाल दिया. हवा में फैला ज़हर अब लोगों की दिनचर्या पर भी असर डालने लगा है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, सोमवार शाम चार बजे दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 309 दर्ज किया गया, जो “बेहद खराब” श्रेणी में आता है. इसका सीधा मतलब है कि शहर की हवा में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक हो चुका है. दिल्ली के कई इलाकों में हालात और भी बदतर हैं. बुराड़ी में एक्यूआई 400 तक पहुंच गया यानी “गंभीर” श्रेणी में, जबकि वजीरपुर में यह 390 रहा. सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के 23 निगरानी केंद्रों ने 300 से ऊपर का एक्यूआई दर्ज किया है. विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्तर सामान्य व्यक्ति के लिए भी असहज और बीमार लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है.
हवा की रफ्तार धीमी, प्रदूषण ने जमाई जड़
वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (AQEWS) के अनुसार, उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाली हवाओं की गति 8 किलोमीटर प्रति घंटा से कम हो गई है. हवा की रफ्तार धीमी होने से प्रदूषक कण वातावरण में ठहर जाते हैं और हवा की सफाई नहीं हो पाती. इसी कारण मंगलवार को भी हालात और बिगड़ने की संभावना जताई गई है.
पीएम 2.5 और पीएम 10 ने बढ़ाई चिंता
सीपीसीबी की रिपोर्ट बताती है कि हवा में PM 2.5 की सांद्रता 155 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और PM 10 की सांद्रता 278 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही. ये दोनों प्रदूषक सांस लेने में गंभीर दिक्कतें पैदा करते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, इस स्तर का प्रदूषण फेफड़ों और दिल की बीमारियों को बढ़ा सकता है. बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या हृदय रोग से पीड़ित लोगों को इससे विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.
एक्यूआई स्केल क्या बताता है?
वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी AQI को समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि
- 0 से 50: अच्छा (Good)
- 51 से 100: संतोषजनक (Satisfactory)
- 101 से 200: मध्यम (Moderate)
- 201 से 300: खराब (Poor)
- 301 से 400: बेहद खराब (Very Poor)
- 401 से 500: गंभीर (Severe) वर्तमान में दिल्ली का अधिकांश हिस्सा “बेहद खराब” और कुछ क्षेत्र “गंभीर” स्थिति में हैं — यानी हवा इतनी दूषित है कि आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में कठिनाई आम बात बन चुकी है.
तापमान और मौसम की भूमिका
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, सोमवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 31.5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 17.9 डिग्री सेल्सियस रहा. यह सामान्य से थोड़ा अधिक है. शाम 5:30 बजे के आसपास आर्द्रता 58 प्रतिशत दर्ज की गई, जिससे हवा और भारी महसूस हुई. आईएमडी ने अनुमान जताया है कि मंगलवार की सुबह भी घनी धुंध छाई रह सकती है. दिन के दौरान अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है.
क्या है आगे का खतरा?
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हवाएं तेज़ नहीं हुईं या बारिश नहीं हुई, तो आने वाले दिनों में दिल्ली की हवा और जहरीली हो सकती है. दिवाली के नजदीक आने के साथ पटाखों का धुआं और पराली जलाने के प्रभाव से प्रदूषण का स्तर “गंभीरतम” श्रेणी तक पहुंच सकता है.
सरकार और लोगों दोनों को करनी होगी पहल
पर्यावरणविदों के अनुसार, दिल्ली की हवा को बचाने के लिए केवल सरकारी नीतियां काफी नहीं हैं. आम लोगों को भी गाड़ियों का कम उपयोग, मास्क पहनने, और पौधे लगाने जैसी व्यक्तिगत जिम्मेदारी निभानी होगी. स्कूलों में आउटडोर गतिविधियों पर रोक और बच्चों के स्वास्थ्य की निगरानी जरूरी हो गई है.
NEWSANP के लिए दिल्ली से ब्यूरो रिपोर्ट

