धर्म के कारण भारत की आर वैशाली से हाथ मिलाने से इनकार, उज्बेकिस्तान के खिलाड़ी की हरकत से सोशल मीडिया पर बवाल…

धर्म के कारण भारत की आर वैशाली से हाथ मिलाने से इनकार, उज्बेकिस्तान के खिलाड़ी की हरकत से सोशल मीडिया पर बवाल…

टाटा स्टील चेस टूर्नामेंट में एक विवाद पैदा हो गया जब भारतीय ग्रैंड मास्टर से उज्बेकिस्तान के खिलाड़ी ने हाथ मिलाने से इनकार कर दिया. सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल है.

टाटा स्टील चेस टूर्नामेंट का आयोजन नीदरलैंड के विज्क ऑन जी में किया जा रहा है. प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के 87वें संस्करण में एक विवाद पैदा हो गया जब भारतीय ग्रैंड मास्टर से एक खिलाड़ी ने हाथ मिलाने से इनकार कर दिया. इसका कारण पूरी तरह से धार्मिक था. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि आर वैशाली ने चौथे दौर के मुकाबले की शुरुआत से पहले उज्बेकिस्तान के नोदिरबेक याकूबोव के खिलाफ हैंड शेक करने के लिए हाथ बढ़ाया, लेकिन नोदिरबेक याकुबोव बिना जवाब दिए बैठ गए, जिससे वैशाली असहज महसूस कर रही थीं.

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि वैशाली ने याकुबोव से हाथ मिलाने के लिए खुद ही पहली की, लेकिन उज्बेक खिलाड़ी ने इससे मना कर दिया. सोशल मीडिया पर ही उनके पिछले मैचों में विरोधी खिलाड़ियों के साथ हैंड शेक के सबूत दिए जा रहे हैं. जिससे लोगों ने उन पर नस्लभेदी होने का भी आरोप लगा दिया है. यह हाथ ने मिलाने से भी बुरी बात है.

सोशल मीडिया पर जब यह वीडियो वायरल हो गया, तो याकूबबोव ने ‘एक्स’ पर एक लंबी प्रतिक्रिया पोस्ट की. इसमें उन्होंने कहा कि, वे वैशाली और उनके छोटे भाई आर. प्रज्ञानंदधा का पूरा सम्मान करते हैं, लेकिन वे “धार्मिक कारणों से अन्य महिलाओं को नहीं छूते हैं.” याकूबबोव, जो एक मुसलमान हैं, ने लिखा, “मैं वैशाली के साथ खेल में घटित स्थिति के बारे में बताना चाहता हूँ. महिलाओं और भारतीय शतरंज खिलाड़ियों के प्रति पूरे सम्मान के साथ, मैं सभी को सूचित करना चाहता हूँ कि मैं धार्मिक कारणों से अन्य महिलाओं को नहीं छूता हूँ.”

नोदिरबेक याकुबोवने लिखा, “मैं वैशाली और उसके भाई का भारत के सबसे मजबूत शतरंज खिलाड़ियों के रूप में सम्मान करता हूं. अगर मेरे व्यवहार से उन्हें ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं। मेरे पास कुछ अतिरिक्त स्पष्टीकरण हैं: 1. शतरंज हराम नहीं है.” उन्होंने बताया, “मैं वही करता हूं जो मुझे करना चाहिए. मैं दूसरों पर विपरीत लिंग के लोगों से हाथ न मिलाने या महिलाओं से हिजाब या बुर्का पहनने का आग्रह नहीं करता. यह उनका काम है कि वे क्या करें.” याकूबबोव ने कहा कि रोमानिया की इरिना बुलमागा के खिलाफ आठवें राउंड के खेल में ऐसी स्थिति से बचने के लिए उन्होंने अपनी धार्मिक मान्यताओं के बारे में उन्हें पहले ही बता दिया था.

वैशाली ने भी उज्बेक खिलाड़ी को हराने के बाद अपना हाथ आगे नहीं बढ़ाया. आठ राउंड के बाद भारतीय खिलाड़ी के चार अंक हैं और पांच राउंड और बाकी हैं. 23 वर्षीय याकूबबोव, जो 2019 में जीएम बने थे वे इस मैच को हार गए और वर्तमान में चैलेंजर्स सेक्शन में आठ राउंड के बाद तीन अंक पर हैं. आर वैशाली भारत की टॉप मोस्ट चेस प्लेयर में से एक हैं. पिछले साल महिलाओं की शतरंज ओलंपियाड में भारत ने स्लोवानिया को हराकर गोल्ड जीता था, तब वैशाली भी उसकी अहम सदस्य थीं.

    NEWSANP के लिए ब्यूरो रिपोर्ट

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