धनबाद में आंगनबाड़ी सेविकाओं को ट्रेनिंग के लिए बुलाकर रखा भूखा, समय से पहले कर दी छुट्टी…

धनबाद में आंगनबाड़ी सेविकाओं को ट्रेनिंग के लिए बुलाकर रखा भूखा, समय से पहले कर दी छुट्टी…

धनबाद(DHANBAD): धनबाद में आंगनबाडी सेविकाओं को पूरे दिन प्रशिक्षण के बुलाकर भूखे घर भेज दिया गया। धनबाद जिले के धनबाद सदर प्रखंड की करीब 100 आंगनबाड़ी सेविकाओं को एफआरएस प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया।
इसमें एफआरएस और इसकी चुनौतियां, मोबाइल वेरिफिकेशन, पोषण ट्रैकर समेत अन्य प्रशिक्षण दिया गया। लेकिन सुबह से मिश्रित भवन के डीआरडीए सभागार पहुंची सेविकाओं को न तो नाश्ता मिला न ही भोजन।
भोजन पानी के अभाव में सेविकाओं का भूख से बुरा हाल देखने को मिला। हद तो यह है कि सेविकाओं को भेजे गए पत्र में पूरे दिन प्रशिक्षण का जिक्र था। प्रशिक्षण सुबह के 11 से शाम के पांच बजे तक चलना था। लेकिन सेविकाओं को सुबह 11 बजे से ट्रेनिंग शुरू कराकर तीन बजे ही छोड़ दिया गया।
वहीं, प्रशिक्षण में भोजन के प्रबंध भी करने का जिक्र था। लेकिन सेविकाओं को केवल चाय पिलाकर घर भेज दिया गया। सेविकाओं ने खाना के बारे में पूछा तो कहा गया कि घर जाकर खाइए।

वही पता चला कि पांच बजे तक चलने वाली ट्रेनिंग दो घंटे पहले ही खत्म कर दी गई। जिस सभागार में प्रशिक्षण दिया गया, उसमें सवा तीन बजे ताला लटका मिला। लोयाबाद आठ नंबर से आई सेविका नूरजहां ने बताया कि वे सुबह से आई हैं, पत्र में भोजन का भी जिक्र था, लेकिन केवल चाय बिस्किट पर काम चला दिया गया।
वहीं, पुष्पा कुमारी ने बताया कि पूरे दिन के प्रशिक्षण में भोजन का इंतजाम करना होता है, लेकिन समाज कल्याण के अफसरों की मनमानी से ऐसा नहीं हुआ।
इस बारे में डीसी आदित्य रंजन का कहना है कि समाज कल्याण की ट्रेनिंग निर्धारित नियमों के अनुरूप नहीं हुई है तो पूछताछ करेंगे। सेविकाओं के लिए पूरे दिन के प्रशिक्षण में भोजन के इंतजाम व प्रशिक्षण की समयावधि का ध्यान रखने का निर्देश देंगे।

तीन प्रखंडों के सेविकाओं की हो रही है ट्रेनिंग
6 से 11 अक्टूबर तक धनबाद सदर, तोपचांची व टुंडी प्रखंड की सेविकाओं को प्रशिक्षण के लिए समाज कल्याण निदेशक किरण कुमारी पासी के निर्देश के आलोक में पत्र जारी किया गया।
जिला समाज कल्याण अधिकारी स्नेह राज ने कार्यालय के नाजिर प्रशिक्षण को भोजन की व्यवस्था कराने की जिम्मेवारी सौंपी। छह व सातम अक्टूबर को धनबाद सदर के सेविकाओं का प्रशिक्षण होना है। जबकि आठ से नौ अक्टूबर तक तोपचांची व 10 से 11 अक्टूबर तक टुंडी के सेविकाओं का प्रशिक्षण होना है।

प्रशिक्षण पूरे दिन का है जिसका समय सुबह के 11 बजे से शाम के पांच बजे तक निर्धारित है। प्रशिक्षण में ऑनलाइन पोषण ट्रैकर, मोबाइल वेरिफिकेशन, फेशियल रिकग्निशन सिस्टम यानी एफआरएस की जानकारी देनी थी।
आपको बता दें कि एफआरएस एक बायोमेट्रिक तकनीक है जो किसी डिजिटल छवि या वीडियो या डेटाबेस में संग्रहीत चेहरों के साथ वास्तविक समय में किसी मानव चेहरे की पहचान या मिलान कर सकती है।
प्रशिक्षण का उद्देश्य आंगनबाड़ी सेविकाओं को डिजिटल प्रणाली से जोड़ना और पोषण ट्रैकर के उपयोग में दक्ष बनाना है ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और प्रभावशीलता बढ़े। लेकिन विभागीय स्तर पर प्रशिक्षण में बरती गई अनदेखी सवाल खड़े कर रही है।
अगर सेविकाओं को पूरे दिन के ट्रेनिंग में बुलाकर केवल चाय पिलाकर भेज दिया गया तो यह गलत है। पूरे दिन के प्रशिक्षण में भोजन का इंतजाम करना ही है। इसके बारे में जिला समाज कल्याण अधिकारी से रिपोर्ट लेंगे।

NEWSANP के लिए धनबाद से ब्यूरो रिपोर्ट

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