
भगवान जगन्नाथ का प्रसाद बनाने के लिये तीन मुस्लिम मिठाई दुकानदारों को दी गई टेंडर पर भाजपा ने तृणमूल को घेरा
एक दुकानदार ने अपने दुकान मे हलाल कबाब बनाने की बात भी है स्वीकारी…
कोलकाता(KOLKATA): पश्चिमी बंगाल की राजधानी कोलकाता से 183 किलोमीटर दूर पूर्व मेदनीपुर जिले के दीघा समुद्र तट उड़ीसा पूरी जगन्नाथ धाम के तंज पर ममता सरकार द्वारा बनवाई गई दीघा जगन्नाथधाम जब से बनी है तब से सुर्खियों मे है, सुर्खियों मे इस लिये की मंदिर का नाम ममता सरकार द्वारा जगन्नाथ धाम रखा गया जिसको लेकर उड़ीसा पूरी के पुरोहितों को आपत्ति थी जिसको लेकर कई दिनों तक पश्चिम. बंगाल सरकार और उड़ीसा के पूरी जगन्नाथ के पुरोहितों के बीच ठन गई ऐसे मे मंदिर के नाम को लेकर चल रहे दो राज्यों के बीच झमेला अभी शांत ही नही हुआ था की एक मंदिर के प्रसाद को लेकर एक और विवाद ने तूल पकड़ लिया
जी हाँ हम बात कर रहे हैं, दीघा जगन्नाथधाम के महाप्रसाद की जो महाप्रसाद की ,ममता सरकार द्वारा 30 अप्रैल को मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद राज्य के तमाम जनता को उनके घर तक प्रसाद पहुँचाकर देने की घोषणा की गई थी, जिसमे राशन डिलरों को उनके राशन दुकान के माध्यम से लोगों के बीच प्रसाद वितरण करने को कहा गया था, इसी बीच भगवान जगन्नाथ की महाप्रसाद बनाने के लिये मुर्शिदाबाद रानीनगर के तीन मुस्लिम दुकानों को मिली टेंडर को लेकर बवाल मच गया
बताते चलें की ममता सरकार द्वारा मुर्शिदाबाद के चार मिठाई दुकानों को महाप्रशाद बनाने के लिये टेंडर दिया गया था जिसमे तीन मिठाई दुकानदार मुस्लिम है, जिसमे पहले नंबर पर टिप टॉप मिस्टान भंडार है, जिसके मालिक का नाम राजू शेख है, राजू शेख ने यह स्वीकार भी किया है की उसके दुकान मे हलाल कबाब भी मिलता है, इसके अलावा भाई -भाई मिस्टान भंडार है, जिसके मालिक का नाम सबिरुल इस्लाम है, जबकि तीसरे नंबर पर सोनाली मिस्टान भंडार है, जिसके मालिक का नाम रजब अली है, इन तीनो मुस्लिम मिठाई दुकानों को मिली भगवान जगन्नाथ की महाप्रसाद बनाने की टेंडर को लेकर भाजपा ने तृणमूल को घेर लिया है
भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा है की प्रसाद सनातनियों के लिये एक श्रद्धा का प्रसाद होता है, जिस प्रसाद को हर सनातनी हिंदू अपने माथे पर टेक कर भगवान का उच्चारण करने के बाद ग्रहण करता है, ऐसे मे प्रसाद बनाने वाला जो सनातन धर्म को नही मानता वह अगर सनातन हिंदू नही होकर कोई गैर हो उसके द्वारा बनाया गया कोई भी चीज खाने का समान हो सकता है, मगर प्रसाद नही हो सकता,
वहीं भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी को जवाब देते हुए ममता के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा की प्रसाद -प्रसाद होता है, भगवान सबके लिये हैं अगर उनके नाम पर कोई प्रसाद आता है उस प्रसाद को सबको ग्रहण करना चाहिए अगर कोई नही करना चाहता तो वो ना करे.
NEWSANP के लिए कोलकाता से अतीक रहमान की रिपोर्ट…