छत्तीसगढ़(CHHATISGARH):छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक बड़ा और रोचक फैसला सुनाया है. शादी और तलाक के बाद एक पति-पत्नी दोबारा साथ रहना चाह रहे थे. तलाकशुदा पत्नी ने हाई कोर्ट को पति के साथ दोबारा घूमने-फिरने और साथ रहने की तस्वीर भी दिखाई, लेकिन हाई कोर्ट ने तलाक के बाद दोबारा एक होने के मामले में याचिका को खारिज कर दिया जिसमें दोनों ने साथ रहने की बात कही थी. हाई कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि कोर्ट तथ्यों के हिसाब से चलता है न कि भावनाओं के हिसाब से. दोनों ने आपसी सहमति से तलाक लिया था इसलिए अब संभव नहीं है कि दोनों साथ रहें.
जानें पूरा मामला
बिलासपुर जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में रहने वाली युवती की शादी सरकंडा थाना क्षेत्र के मोपका के रहने वाले युवक से हुई थी. काफी समय तक दोनों साथ रहे फिर कुछ दिक्कतें बताकर महिला ने फैमिली कोर्ट से पति से तलाक लेने के याचिका पारित करवाई थी. साल 2025 में ही दोनों का तलाक हुआ और कुछ दिनों बाद पति-पत्नी फिर साथ रहना चाह रहे थे, इसके लिए पत्नी की तरफ से हाई कोर्ट में अपील की गई.
इस अपील में ही बताया गया कि पति-पत्नी दोबारा साथ आ चुके हैं. उन्होंने शादी की सालगिरह की तस्वीर दिखाई और बताया कि इसे दोनों ने एक साथ मनाया है. अब साथ खाना खाते हैं. इसके अलावा पति की तरफ से पत्नी के अकाउंट में कुछ पैसे भी ट्रांसफर किए गए थे, जिसे भी हाई कोर्ट के सामने रखा गया. इसके जरिए दावा किया गया कि दोनों के बीच रिश्ता सुधर गया है इसलिए वे फिर से नई जिंदगी शुरू करना चाह रहे हैं.
कूलिंग पीरियड क्यों हटवाया: हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए स्पष्ट तौर पर कहा कि यदि दोनों साथ रहना चाह रहे थे तो जब तलाक के लिए साल 2021 में अर्जी लगाई गई थी तब कूलिंग पीरियड क्यों हटाया गया? सबूत के आधार पर ही फैमिली कोर्ट ने तलाक का फैसला दिया है. इस फैसले के खिलाफ अपील करना कानूनन मान्य नहीं है. यही वजह है कि हाई कोर्ट ने पत्नी की अपील खारिज कर दिया है.
NEWSANP के लिए ब्यूरो रिपोर्ट

