
झरिया(JHARIA):झरिया अंचल में निबंधन, दाखिल-खारिज, पंजी-2, नामांतरण सहित भूमि संबंधित समस्याओं को लेकर झरिया के व्यवसायियों का एक प्रतिनिधिमंडल धनबाद के लोकप्रिय सांसद श्री ढुल्लू महतो से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने झरिया की भूमि समस्या पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि कई कानूनी अड़चनों और सरकारी उदासीनता के कारण रैयतदारों को वैध भूमि अधिकार से वंचित किया जा रहा है।
प्रतिनिधिमंडल में झरिया वस्त्र व्यवसाय संघ अध्यक्ष उपेंद्र गुप्ता, पूर्व पार्षद अनूप कुमार साव, चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष दीपू दत्ता, सोना-चांदी व्यवसाय संघ से राजू वर्मा, समाजसेवी पवन खरकिया, त्रिलोकी प्रमाणिक, पिंटू बर्मन, धर्मेंद्र साव और बिहारी वर्मा शामिल थे।
प्रतिनिधियों ने बताया कि झरिया अंचल के कुल 58 मौजों में से 10 मौजों का सर्वे ऑनलाइन एंट्री अब तक नहीं हुई है। इसका सीधा असर यह हो रहा है कि संबंधित मौजों के रैयतदारों की जमीन का रजिस्ट्रेशन, दाखिल-खारिज, पंजी-2 में नाम दर्ज नहीं हो पा रहा है। लोगों का आरोप है कि बीसीसीएल और जेआरडीए की मिलीभगत से रैयतदारों को “गैर आबाद” या “एंक्रोचर” की श्रेणी में डालने की साजिश की जा रही है।
गौरतलब है कि जून 2019 में झरिया अंचल अधिकारी द्वारा इस विषय में एक पत्र अपर समाहर्ता धनबाद को और सितंबर 2019 में एक पत्र राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग को भेजा गया था, जो आज तक लंबित पड़ा है।
प्रतिनिधिमंडल की मुख्य माँगें:
- झरिया अंचल के 10 मौजों का सर्वे-सेटलमेंट अविलंब कराया जाए।
- जिन रैयतों की मालगुजारी रसीद पहले कट रही थी लेकिन अब बंद हो गई है, वह तत्काल फिर से शुरू कराई जाए।
- जिन जमीनों की रजिस्ट्री हो चुकी है लेकिन लगान निर्धारण नहीं हुआ है, उनका लगान निर्धारण कर मालगुजारी रसीद काटी जाए।
राजनीतिक हस्तक्षेप की माँग:
प्रतिनिधिमंडल ने आग्रह किया कि यह विषय झारखंड विधानसभा के वर्तमान मानसून सत्र में बाघमारा विधायक श्री शत्रुघ्न महतो द्वारा शून्यकाल में उठाया जाए। इस पर सांसद ढुल्लू महतो ने प्रतिनिधिमंडल का माँग पत्र विधायक श्री महतो को सौंप दिया है, ताकि इसे सदन में उठाकर दबाव बनाया जा सके।
NEWSANP के लिए झरिया से अरविंद सिंह बुंदेला की रिपोर्ट

