दीपावली सिर्फ रोशनी का पर्व नहीं, बल्कि देवी लक्ष्मी की कृपा पाने का एक खास और शुभ अवसर भी है। लेकिन इस बार लोगों के बीच दीपावली की तिथि को लेकर भ्रम है, आखिर 20 को मनाई जाये या 21 को?धर्मशास्त्र और पंचांगों के अनुसार, दीपावली का पर्व उस दिन मनाना चाहिये जब अमावस्या तिथि प्रदोष काल और महानिशीथ काल में हो। यही वो समय होता है जब देवी लक्ष्मी की पूजा का सबसे ज्यादा फल मिलता है।
क्यों 20 अक्तूबर को ही दीपावली मनाई जायेगी?
20 अक्तूबर 2025, सोमवार को दोपहर 3:44 बजे से अमावस्या शुरू हो जायेगी, जो पूरी रात रहेगी। इस दिन प्रदोष काल (शाम 5:36 से रात 8:07) और महानिशीथ काल (रात 11:45 से 12:39) दोनों अमावस्या तिथि में आयेंगे।इसके अलावा इस रात स्थिर वृष लग्न, शुभ चौघड़िया, और सिंह लग्न जैसे कई शुभ योग भी बन रहे हैं।
21 अक्तूबर क्यों नहीं?
21 अक्तूबर को अमावस्या सिर्फ शाम 5:54 तक ही रहेगी, जबकि पूजा का समय सूर्यास्त के बाद होता है। इसके बाद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा शुरू हो जायेगी यानी अमावस्या की तिथि ही नहीं रहेगी। इतना ही नहीं, उस समय अशुभ चौघड़िया का भी योग रहेगा।
महत्वपूर्ण पर्व की तिथियां
धनतेरस: 18 अक्तूबर 2025
नरक चतुर्दशी (छोटी दीपावली): 19 अक्तूबर 2025
दीपावली (महापर्व): 20 अक्तूबर 2025
अमावस्या स्नान-दान: 21 अक्तूबर 2025
गोवर्धन पूजा: 22 अक्तूबर 2025
भाई दूज: 23 अक्तूबर 2025
NEWSANP के लिए ब्यूरो रिपोर्ट