ऑपरेशन सिंदूर को नरेंद्र मोदी ने चुनावी हथकंडा बना लिया : दीपंकर भट्टाचार्य…

ऑपरेशन सिंदूर को नरेंद्र मोदी ने चुनावी हथकंडा बना लिया : दीपंकर भट्टाचार्य…

धनबाद(DHANBAD): पहलगाम आतंकी हमला का एक माह बीतने गया है लेकिन अभी तक उन आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है, जिसके द्वारा घटना को अंजाम दिया गया है. सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि जम्मू-कश्मीर में जहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम होते है, लेकिन पहलगाम जहां दो हजार से अधिक सैलानी मौजूद थे वहां सुरक्षा के एक भी जवान तैनात नहीं थे, इस सवाल का जवाब सरकार को देना चाहिए. आतंकवादी पहुंचे और लोगों की हत्या कर चले गये. यह सुरक्षा में सबसे बड़ी चूक है. सरकार इस चूक पर मुंह फेरे हुए है. उक्त बातें भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कही. वह शनिवार को सर्किट हाउस धनबाद में प्रेस वार्ता कर रहे थे.

ऑपरेशन सिंदूर को बनाया जा रहा है राजनीति मुद्दा
कहा कि ऑपरेशन सिंदूर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला था, लेकिन चुनावी लाभ के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. ट्रेन टिकटों पर प्रधानमंत्री की तस्वीरें और मिशन का उल्लेख इसका स्पष्ट प्रतिबिंब है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीति करने की कोशिश करते हुए उनकी रगों में सिंदूर बहने की बात कही है. यह वही व्यक्ति हैं जिन्होंने कुछ साल पहले कहा था कि उनकी रगों में कारोबार बहता है, देशभक्ति बहती है और सिंदूर बह रहा है.

विशेष सत्र बुलाने से बच रही है सरकार
कहा कि सरकार पाकिस्तान के साथ हाल के सैन्य संघर्ष पर (संसद का) विशेष सत्र बुलाने से बच रही है, जिसकी मांग इंडिया गठबंधन कर रहा है. वह (सरकार) यह स्वीकार करने से कतरा रही है कि गतिरोध के कारण देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ गया है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किसी भी देश ने भारत का साथ नहीं दिया. यह विदेश नीति का सबसे बड़ी विफलता है. जहां विदेश में डंका बजाने का दावा करने वाले नरेंद्र मोदी की इस मोर्चा में विफल रहे है. अमेरिका की कटपुटली बन गये है. नरेेंद्र मोदी अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए चुनावी रैली करते है बदले में ट्रंप इंडिया के सामानों पर टैरिफ बढ़ा रहा है. इससे भारत का सामान अमेरिका में कम बिकेगा और भारत टैरिफ घटा रहा है इससे अमेरिका का सामान देश में ज्यादा बीकेगा.

देश अलग थलग पड़ गया
भाकपा (माले) महासचिव ने कहा कि भारत अलग-थलग पड़ गया. कोई भी अन्य देश हमारे समर्थन में नहीं आया, यही कारण है कि सरकार ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का सहारा लिया. यहां तक ​​कि हमारे प्रधानमंत्री के तथाकथित मित्र, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कोई नरमी नहीं दिखाई. डोनाल्ड ट्रंप के कहने पर दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम लगा. भारतीय प्रवासियों को अमेरिका से अपमानित और बेदखल किया जा रहा है और हमें उनके व्यापार युद्ध के कारण कष्ट सहना पड़ रहा है.
इस मुठभेड़ में 20 से अधिक माओवादी मारे गए
कहा कि भले ही सरकार यह दिखावा कर रही है कि वह केवल सशस्त्र माओवादी छापामारों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, लेकिन तथ्य यह है कि आदिवासी कार्यकर्ताओं को भी उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है और हिमांशु कुमार जैसे गांधीवादियों को भगा दिया गया है. माओवादी शांति से वार्ता की पहल की थी. लेकिन वार्ता की जगह सफाया अभियान चलाया जा रहा है. इस मामले में न्यायायिक जांच की मांग की गयी है.

नौ जुलाई को होने वाले आंदोलन में इंडिया गठबंधन का मिले समर्थन
कहा कि 20 मई को देशव्यापी हड़ताल होनी थी. इसे बढ़ा कर अब नौ जुलाई कर दिया गया है. मजदूर संगठनों द्वारा यह हड़ताल बुलाई गयी है. भाकपा माले मजदूरों के साथ है. उन्होंने इंडिया गठबंधन से हड़ताल में बढ़चढ़कर समर्थन करने की अपील की है. कहा कि जिस किसान आंदोलन में समर्थन मिला है उसी तरह इस आंदोलन को भी समर्थन मिले. चार श्रम संहिताओं’ के विरोध में श्रमिक संघों द्वारा राष्ट्रव्यापी हड़ताल होनी है.
मौके पर भाकपा माले राष्ट्रीय महासचिव कॉम0 दीपंकर भट्टाचार्य के अलावा पोलित ब्यूरो सदस्य कॉ0 आनन्द महतो, कॉम0 हलधर महतो, राज्य सचिव कॉम0 मनोज भक्त, केंद्रीय सदस्य सह निरसा विधायक कॉम0 अरूप चटर्जी,सिंदरी विधायक कॉम0 चंद्रदेव महतो,बगोदर के पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह उपस्थित थे. कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला सचिव बिंदा पासवान, जिला सहसचिव कार्तिक प्रसाद, सुभाष चटर्जी,सम्राट चौधरी, राणा चट्टराज की भूमिका रही.

NEWSANP के लिए धनबाद से कुंवर अभिषेक सिंह की रिपोर्ट

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