
धनबाद(DHANBAD): कोयलांचल के प्रसिद्ध उद्योगपति व समाजसेवी रमेश कुमार गुटगुटिया एक बार फिर जीवन रेखा ट्रस्ट के अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। गुटगुटिया लगातार चौथी बार पदासीन हुए हैं. शुक्रवार को जीवन रेखा ट्रस्ट की 19वीं आमसभा हुई. गुटगुटिया का परिवार धनबाद में लगभग सौ वर्षों से समाजसेवा से जुड़ा हुआ है. उनके पिता राय साहब बिहारी लाल गुटगुटिया 1947 में स्वतंत्र भारत के पहले धनबाद नगरपालिका चेयरमैन बने थे। राय साहब बिहारी लाल गुटगुटिया, ब्रिटिश शासनकाल में राय साहब की उपाधि प्राप्त करने वाले, धनबाद नगरपालिका के सबसे लंबे समय तक (लगातार 17 वर्षों) चेयरमैन रहे। स्वतंत्रता के बाद उन्होंने वही उपाधि लौटा दी और समाजसेवा, शिक्षा एवं जनकल्याण में समर्पित हो गए। डीएवी स्कूल के अध्यक्ष, एच.ई. स्कूल के सचिव, और झरिया वाटर बोर्ड के वाइस चेयरमैन के रूप में उन्होंने अमिट छाप छोड़ी।
ट्रस्ट की 19वीं आमसभा में अध्यक्षता करते हुए रमेश गुटगुटिया ने सदस्यों का स्वागत किया। सचिव राजीव शर्मा ने ट्रस्ट की गतिविधियों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया. वर्ष 2024–25 के आय-व्यय विवरण को केशव हड़ौदिया ने प्रस्तुत किया, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। इसके बाद वर्ष 2025–2027 हेतु नई कार्यकारिणी का गठन हुआ जिसमें 23 सदस्यीय समिति में सर्वसम्मति से पदाधिकारी चुने गए, जिसमें अध्यक्ष रमेश कुमार गुटगुटिया, सचिव राजीव शर्मा, कोषाध्यक्ष विवेक गुटगुटिया, उपाध्यक्ष शंभूनाथ अग्रवाल, अरविंद डालमिया, संजीव अग्रवाल, संयुक्त सचिव सुभाष चौधरी, आर.बी. गोयल, सह कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल, इसके अलावा कई प्रमुख सदस्य राजेंद्र बंसल, मुरलीधर पोद्दार, बाबूलाल अग्रवाल, विनोद तुलस्यान, मनोज खेमका, नवीन डालमिया, सुभाष चौधरी, दिनेश हेलीवाल, जितेंद्र गुटगुटिया आदि को कार्यकारिणी में चुना गया।
सभा में बड़ी संख्या में ट्रस्टी एवं आजीवन सदस्य उपस्थित रहे, जिन्होंने समाज हित के कार्यों को और अधिक व्यापक रूप देने का संकल्प लिया।
उल्लेखनीय है कि धनबाद की धरती ने सदैव गुटगुटिया परिवार के योगदान को गौरव के साथ देखा है. जहां उनके पिता राय साहब बिहारी लाल गुटगुटिया ने शिक्षा, स्वच्छ प्रशासन और नगर निर्माण की नींव रखी, वहीं रमेश कुमार गुटगुटिया ने उसी परंपरा को आधुनिक दृष्टि और सामाजिक उत्तरदायित्व के साथ आगे बढ़ाया है।
उनके नेतृत्व में जीवन रेखा ट्रस्ट न केवल जरूरतमंदों के इलाज का केंद्र बना है, बल्कि सामाजिक संवेदना का प्रतीक भी बन चुका है।
NEWSANP के लिए धनबाद से कुंवर अभिषेक सिंह की रिपोर्ट

