नई दिल्ली/पटना(NEW DELHI/PATNA): दिल्ली में मतगणना से मिले रुझानों से साफ़ है कि दिल्ली में 27 सालों के बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को पटकनी देना भारतीय जनता पार्टी के लिए कोई आसान काम नहीं था, लेकिन बीजेपी ने यह कर दिखाया क्योंकि बिहार और बिहार से सटे यूपी के इलाकों के जो 30 प्रतिशत वोटर्स दिल्ली में हैं, उन्होंने एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी के लिए वोट किया।
कहा जा रहा है कि पूर्वांचल के मतदाताओं का एक-एक वोट इस बार बीजेपी उम्मीदवारों के पक्ष में गया। इसके बाद, अब देखना यह है कि बीजेपी पूर्वांचलियों को कैसे सम्मान देती है। कहा जा रहा है कि दिल्ली के इतिहास में पहली बार किसी बिहारी नेता को सीएम बनाकर बीजेपी यह मैसेज देने की कोशिश कर सकती है कि बिहार के लिए बीजेपी में कितना प्यार और सम्मान है। 10 महीनों बाद होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को इसका फ़ायदा मिल सकता है। अगर दिल्ली में बीजेपी किसी बिहारी को सीएम बनाती है, तो बिहार के लोगों में इससे अच्छा मैसेज जाएगा और बिहार में बीजेपी मज़बूत होगी।
जैसा कि कुछ दिनों पहले पेश किए गए नरेंद्र मोदी सरकार के बजट में भी देखने को मिला, बजट में बिहार का पूरा ध्यान रखा गया। यहां तक कि कांग्रेस के सांसद मनीष तेवारी ने यहां तक कह डाला कि मुझे यह समझ में ही नहीं आ रहा है कि यह केंद्र का बजट है या बिहार का। अब जैसा कि कयास लगाए जा रहे हैं कि या तो दिल्ली में इस बार कोई बिहारी सीएम बनेगा या फिर डिप्टी सीएम। सीएम पद के लिए सांसद मनोज तिवारी का नाम चर्चा में है, लेकिन पूर्व सीएम साहेब सिंह वर्मा के बेट प्रवेश वर्मा, सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज, दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, स्मृति ईरानी, दुष्यंत गौतम सहित कई दूसरे नेताओं के नाम भी चर्चा में हैं।
NEWSANP के लिए नई दिल्ली/पटना से ब्यूरो रिपोर्ट