फतेहपुर स्वागतम रेसीडेंसी मे अपनी तथाकथित पत्नी और सास ससुर के साथ रहते थे बबलू सिंह…
इलाके मे घटी घटना के बाद पड़ोसियों मे दहशत का माहौल…
पॉस्मार्टम के बाद तीनो शवों पर अलग -अलग लोगों ने की अपनी दावेदारी…
एक धनबाद के निरसा तो दूसरा जामताड़ा के नोला तो तीसरे का आसनसोल मे हुआ दाह संस्कार…
घटना के वक्त शिल्पी चटर्जी का बेटा त्रिथानकर नही था घर पर मौजूद…
घटना की खबर सुन मौके पर पहुँचा बबलू का परिवार, पत्नी और बच्चे थे उपस्थित…
शिल्पी के सौतेले पिता वीरेंद्र नाथ चंद के शव को दाह संस्कार करने जामताड़ा के नोला ले गया उनका बेटा मोनोमय चंद…
स्कोरपियो इनोवा कार आठ सोने के अंगूठी गले का चैन और एक ब्रिसलेट गायब होने का लगाया बबलू के परिजनों ने आरोप…
बबलू की मौत के पीछे किसी बड़ी साजिस का भी बबलू के परिजनों ने किया दावा …
आसनसोल(WEST BENGAL): पश्चिम बंगाल आसनसोल साऊथ पुलिस फाड़ी अंतर्गत आसनसोल नगर निगम के वार्ड संख्या 57 स्थित फतेहपुर स्वागतम रेसीडेंसी की जहाँ हाउस नंबर B2 मे शनिवार देर रात एक भीषण अग्निकांड की घटना घटी, घटना के वक्त घर मे चार लोग मौजूद थे, चारों लोगों मे झारखंड धनबाद जिले के निरसा निवासी कोयला वेवसाई बबलू सिंह व उनकी एक तथाकथित पत्नी शिल्पी चटर्जी इसके अलावा घर मे बबलू के तथाकथित ससुर बीरेंद्र नाथ चंद और सास गायेत्री चंद आग की चपेट मे आकर बुरी तरह झुलस गए, इस अगजनी की घटना मे बबलू सिंह और उनके तथाकथित ससुर बीरेंद्र चंद और सास गायत्री चंद की मौत हो गई, जबकि शिल्पी चटर्जी को घायल अवस्था मे इलाके के लोगों ने दुर्गापुर के किसी निजी अस्पताल पहुँचाया जहाँ उनका इलाज चल रहा है, वहीं घटना की खबर सुन मौके पर दमकल की एक इंजन के साथ -साथ आसनसोल साऊथ पुलिस फाड़ी भी पहुँची जिन्होंने घंटों मसक्क़त के बाद घर मे लगी आग पर काबू पाया, वहीं पुलिस ने आग मे झूलस्कर मारे गए बबलू और उनके तथाकथित सास और ससुर के शव को अपने कब्जे मे लेकर आसनसोल जिला अस्पताल पॉस्मार्टम के लिये भेज दिया, घटना के बाद से इलाके के लोगों मे दहसत का माहौल है हर कोई यह जानना चाहता है की बबलू सिंह के घर मे ऐसा क्या हुआ की अचानक से आग लगी और उस आग ने पुरे घर को अपने चपेट मे ले लिया और पल भर मे सबकुछ ख़त्म कर दिया, फिलहाल घटना के बाद मामले की जाँच करने फोरेनसिक टीम घटना स्थल पर आने वाली थी पर वह नही आई है और मामले की जाँच रुकी हुई है, घर के बाहर और घर के अंदर सिसिटीवी के कुछ कैमरे भी लगे हुए हैं, जिन कैमरों मे कैद फुटेज पुलिस और फोरेंसिक टीम को जाँच मे काफी मदद कर सकते हैं, जो यह साबित कर पाएंगे की रात के अंधेरे मे कोयला वेवसाई बबलू के घर मे आखिरकार क्या हुआ था, वहीं घटना के बाद बबलू के परिजन निरसा से आसनसोल जिलाअस्पताल पहुँचे और उन्होंने पॉस्मार्टम के बाद बबलू के शव को अपने साथ निरसा ले गए जहाँ उन्होने बबलू के शव का दाह संस्कार कर दिया.
इस दौरान बबलू के परिजनों ने इस अगजनी की घटना के पीछे सोंची समझी एक बड़ी साजिस की बात कहते हुए यह आरोप लगाया है की बबलू सिंह का एक स्कोरपियो एक इनोवा कार, उनके आठ अंगूठी, गले का चैन एक ब्रिसलेट गायब है, उसकी कोई खोज खबर नही है, उन्होंने कहा की उनको अगर कुछ मिला है तो वह सिर्फ और सिर्फ बबलू का बुलेट मिला है, इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा की बबलू ने आसनसोल फतेहपुर स्थित स्वागतम रेसीडेंसी मे एक घर ख़रीदा था यह उनको मालूम था पर वह उस घर मे पहली बार आए हैं, परिजनों ने यह भी कहा की वह बबलू के घर गए थे जहाँ उनकी मुलाक़ात स्वागतम रेजीडेंसी के सेकेट्री उत्तम दास से हुई, जिन्होने उनको यह जानकारी दी की बबलू की तथाकथित पत्नी शिल्पी चटर्जी ने अगजनी की घटना को लेकर उनको बताया की घर मे उनका मोबाईल ब्लास्ट हुआ था, जिससे पुरे घर मे आग लग गई और देखते ही देखते दो मंजिला मकान पूरी तरह आग मे जलकर ख़ाक हो गया और इस घटना मे बबलू और उसकी तथाकथित सास और ससुर झूलस्कर बुरी तरह मारे गए, पर इस घटना मे शिल्पी चटर्जी बच गई, ऐसे मे बबलू के परिजनों ने शिल्पी चटर्जी को लेकर एक और खुलासा किया है की शिल्पी ने दो शादियाँ की थी और बबलू सिंह तीसरे नंबर पर थे, पहले पति कोई बालू कारोबारी तो दूसरे पति कोई बैंक कर्मी बताए जा रहे हैं, पहले पति से शिल्पी का एक बेटा भी है, जिसका नाम त्रिथानकर चटर्जी है, जो 9 क्लास मे झारखंड मधुपुर मे मधुस्थली विद्यापीठ मे पढ़ाई करता है, शिल्पी ने अपने दोनों पतियों को छोड़ दिया है, जिसके बाद वह बबलू के साथ उसके घर मे रह रही थी, साथ मे शिल्पी के माता पिता भी रह रहे थे, शिल्पी के पिता बीरेंद्र नाथ की अगर हम बात करें तो वह शिल्पी के सौतेले पिता थे, असल मे बीरेंद्र नाथ चंद झारखंड जामताड़ा जिले के नोला इलाके के रहने वाले थे, जहाँ उनका भरा पूरा परिवार है, पर उनकी पत्नी आरती चंद स्वर्गवास हो चुकी है, बीरेंद्र नाथ चंद का उम्र 70 वर्ष था, उम्र के हिसाब से उनको चलने फिरने मे काफी दिक्क़तों का सामना करना पड़ता था, साथ मे उनका एक पैर भी ठीक से काम नही कर पा रहा था, शिल्पी की माँ गायेत्री का उम्र करीब 60 वर्ष था वह भी अपनी बढ़ती उम्र के हिसाब से ठीक से ना तो उठ बैठ पाती थी और ना ही ज्यादा चलफिर पाती थी, बबलू के परिजनों ने यह भी बताया की बबलू ने करीब 15 लाख के सोने के गहने बनवाए थे जो गहने वह अपनी बेटी की शादी मे देने वाला था, वह तमाम गहने आसनसोल फतेहपुर स्वागतम रेसीडेंसी स्थित हॉउस नंबर B2 मे बबलू के कमरे मे उसके आलमारी मे रखे हुए थे, वह तमाम गहने भी गायब है, ऐसे मे बबलू के परिजन उनके मन मे चल रहे तमाम सवालों का जवाब जानना चाहते हैं, साथ मे वह उनके द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के ऊपर कार्रवाई भी चाहते हैं, वह रात के अंधेरे मे घटी अग्निकांड की घटना का पूरा सच जानना चाहते हैं, जिसके लिये वह आसनसोल दुर्गापुर पुलिस का सहारा लेने की तैयारी कर रहे हैं.
NEWSANP के लिए आसनसोल से अतीक रहमान की रिपोर्ट…