आधुनिक भारतीय समाज में समाजशास्त्र की भूमिका पर विचार विमर्श”…

आधुनिक भारतीय समाज में समाजशास्त्र की भूमिका पर विचार विमर्श”…

जामताड़ा(JAMTADA):जनजातीय संध्या डिग्री महाविद्यालय, मिहिजाम के समाजशास्त्र विभाग द्वारा एक दिवसीय विभागीय संगोष्ठी का आयोजन “आधुनिक भारतीय समाज में समाजशास्त्र का योगदान” विषय पर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. कृष्ण मोहन साह ने की। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में डिग्री कॉलेज, नाला (फतेहपुर) के समाजशास्त्र के सहायक प्राध्यापक शिव जी उपस्थित थे।

शिव जी ने विषय पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समाजशास्त्र आधुनिक भारत के सामाजिक ताने-बाने को समझने का प्रभावशाली उपकरण है। समाजशास्त्र के विकासक्रम से लेकर आज के सामाजिक परिवर्तन तक की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि इसे दो भागों—सैद्धांतिक और व्यावहारिक—में विभाजित करके हम समाज की बुनियादी संरचना और उसकी क्रियाशीलता को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।

कार्यक्रम का मंच संचालन कर रहीं सहायक प्राध्यापिका पूनम कुमारी ने कहा कि आधुनिक भारतीय समाज में समाजशास्त्र की भूमिका सिर्फ शैक्षणिक विषय के रूप में नहीं, बल्कि एक सामाजिक परिप्रेक्ष्य के निर्माण के तौर पर भी अत्यंत आवश्यक है। समाजशास्त्र गरीबी, असमानता और भेदभाव जैसे मुद्दों की गहराई से पड़ताल करता है और समाज को जागरूक और विवेकशील बनाने में सहायक होता है

संगोष्ठी में उपस्थित छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। बी.ए. वर्ग के छात्र किशोर कुमार सोरेन ने कहा कि समाजशास्त्र हमें सामाजिक समस्याओं के प्रति जागरूक बनाता है और समावेशी समाज निर्माण की दिशा में मार्गदर्शन करता है। उन्होंने इसे न्याय, समानता और सामाजिक चेतना के निर्माण का मार्ग बताया।

प्राचार्य प्रो. कृष्ण मोहन साह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि आज की संगोष्ठी ने छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए विचार का एक नया मंच तैयार किया है। उन्होंने सापेक्षिक वंचना जैसे ज्वलंत मुद्दे पर विशेष ध्यान दिलाते हुए समाजशास्त्र की व्यवहारिक उपयोगिता पर जोर दिया। मुख्य वक्ता शिव जी को प्रशंसा पत्र प्रदान करते हुए उन्होंने भविष्य में भी ऐसे आयोजनों के लिए उत्सुकता प्रकट की।

संगोष्ठी के अंत में धन्यवाद ज्ञापन आई.क्यू.ए.सी. के कोऑर्डिनेटर डॉ. सोमेन सरकार ने किया।

इस अवसर पर महाविद्यालय के नैक कोऑर्डिनेटर डॉ. राकेश रंजन, डॉ. किरण बर्नवाल, प्रो. शंभू सिंह, अरविंद कुमार सिन्हा, दिनेश किस्कू, राम प्रकाश दास, रंजीत कुमार यादव, पुष्पा टोप्पो, संजय कुमार सिंह, जयश्री, देवकी पंजियारा, शबनम खातून, कुमारी रेखा शर्मा, उपेन्द्र कुमार पाण्डेय, राज कुमार मिस्त्री, दिनेश रजक, अभिजीत सिंह खडतौल, सोमा कुमारी समेत अनेक शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी और दर्जनों छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

कार्यक्रम शैक्षणिक दृष्टिकोण से सफल और ज्ञानवर्धक सिद्ध हुआ। उपस्थित सभी ने संगोष्ठी के विषय और वक्ताओं के विचारों को समकालीन सामाजिक चिंताओं से जुड़ा हुआ और प्रेरणादायक बताया।

NEWSANP के लिए धनबाद से आर पी सिंह की रिपोर्ट

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