झारखंड के एकमात्र आईआईटी ने क्यूएस रैंकिंग में विश्व में 20वां स्थान हासिल किया है. खनन की पढ़ाई के मामले में यह संस्थान देश में पहले नंबर पर है.
धनबाद(DHANBAD): क्यूएस रैंकिंग में धनबाद के भारतीय खनन विद्यालय (आईएसएम) को विश्व के शीर्ष संस्थानों में शामिल किया गया है. आईआईटी का दर्जा हासिल कर चुके आईएसएम धनबाद को विषयवार रैंकिंग और व्यापक संकाय क्षेत्रों में विश्व स्तर पर 20वां स्थान मिला है. बुधवार को घोषित ‘क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग’ के 15वें संस्करण के अनुसार, भारत ने विषयवार रैंकिंग और व्यापक संकाय क्षेत्रों में शीर्ष 50 में 12 स्थान हासिल किये हैं. आईएसएम धनबाद, आईआईटी खड़गपुर और आईआईटी मुंबई खनिज और खनन इंजीनियरिंग विषय के लिए दुनिया के शीर्ष 50 संस्थानों में शामिल हैं.
क्यूएस रैंकिंग में टॉप-50 संस्थानों में 9 भारत के
क्यूएस विषयवार रैंकिंग में दुनिया के शीर्ष 50 में 9 भारतीय विश्वविद्यालय और संस्थान हैं. इस लिस्ट में शामिल कुछ शीर्ष संस्थानों में 3 आईआईटी, 2 आईआईएम और जेएनयू के स्थान में पिछले साल के मुकाबले गिरावट आयी है. आईएसएम धनबाद इंजीनियरिंग-खनिज और खनन विषय के लिए विश्व स्तर पर 20वें स्थान पर है. भारत में इसे पहला स्थान मिला है.
इंजीनियरिंग खनिज और खनन विषय में IIT मुंबई 28वें नंबर पर
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई और खड़गपुर को इंजीनियरिंग-खनिज और खनन विषय के लिए 28वें एवं 45वें स्थान पर रखा गया है. हालांकि, दोनों संस्थानों की रैंकिंग में गिरावट देखी गयी है. आईआईटी दिल्ली और मुंबई, जो इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विषय के लिए 45वें स्थान पर थे, ने अपनी स्थिति में सुधार करते हुए क्रमशः 26वां और 28वां स्थान प्राप्त किया है.
भारत के इन संस्थानों की रैंकिंग में आयी गिरावट
दोनों संस्थानों ने इंजीनियरिंग-इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स में भी अपनी रैंकिंग में सुधार किया है और शीर्ष 50 की सूची में प्रवेश किया है. भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद और बेंगलुरु व्यवसाय और प्रबंधन अध्ययन विषय के लिए दुनिया के शीर्ष 50 में बने हुए हैं, लेकिन उनकी रैंकिंग में पिछले वर्ष के मुकाबले गिरावट आयी है. आईआईएम अहमदाबाद की रैंकिंग 22 से गिरकर 27 पर आ गयी, जबकि आईआईएम बेंगलुरु की रैंकिंग 32 से गिरकर 40 पर आ गयी.
आईआईटी मद्रास और जेएनयू अब भी टॉप-50 में कायम
आईआईटी मद्रास (पेट्रोलियम इंजीनियरिंग) और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) (विकास अध्ययन) विश्व के शीर्ष 50 में बने रहे, लेकिन उनकी रैंकिंग में कुछ स्थानों की गिरावट भी आयी. क्यूएस विषय-विशिष्ट रैंकिंग के नवीनतम संस्करण में, भारत में नयी प्रविष्टियों की संख्या चीन, अमेरिका, ब्रिटेन और कोरिया के बाद 5वें स्थान पर है. कुल प्रविष्टियों की संख्या के मामले में 12वें स्थान पर है.
NEWSANP के लिए धनबाद से ब्यूरो रिपोर्ट