अब दुनिया की निगाहें भारत-अमेरिका संवाद पर टिकी…

अब दुनिया की निगाहें भारत-अमेरिका संवाद पर टिकी…

दिल्ली(DELHI) : अमेरिका द्वारा एच-1बी वीजा पर हालिया पाबंदियां लागू करने के ऐलान ने भारतीय IT उद्योग और हजारों प्रोफेशनल्स की धड़कनें तेज कर दी हैं। भारत के विदेश मंत्रालय ने इस पर औपचारिक बयान जारी करते हुये कहा कि इस फैसले के मानवीय परिणाम गंभीर हो सकते हैं और कई परिवारों के जीवन में अचानक व्यवधान पैदा कर सकते हैं।

मंत्रालय का रुख
मंत्रालय ने कहा कि सभी संभावित प्रभावों का गहराई से अध्ययन किया जा रहा है। किसी भी निर्णय से पहले सभी हितधारकों की राय ली जायेगी। भारत को उम्मीद है कि दोनों देश मिलकर इस मुद्दे का संतुलित समाधान खोजेंगे। “भारत और अमेरिका उद्योग, नवाचार और रचनात्मकता में साझेदार हैं। हमें विश्वास है कि संवाद से रास्ता निकलेगा।” नया नियम 21 सितंबर से लागू होगा। कंपनियों और प्रोफेशनल्स को तैयारी के लिये सिर्फ एक दिन का समय मिला है। भारतीय IT संगठन नैसकॉम ने इसे “भारी अनिश्चितता” वाला कदम बताया। भारतीय IT कंपनियां जैसे TCS, इन्फोसिस, विप्रो, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, मेटा और एप्पल सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। ऑनशोर प्रोजेक्ट्स पर तत्काल असर पड़ने की आशंका है। पहले से अस्थिर कारोबारी माहौल और भू-राजनीतिक तनाव में यह नया झटका है।

नैसकॉम की चेतावनी
नैसकॉम ने कहा कि भारतीय कंपनियों ने हाल के वर्षों में एच-1बी पर निर्भरता कम करने और स्थानीय भर्तियों को बढ़ाने की कोशिश की है, लेकिन अचानक पाबंदी ने चुनौती को और कठिन बना दिया है। “नई वीजा फीस और सख्ती, दोनों ने कंपनियों की प्रतिस्पर्धा क्षमता पर दोहरा दबाव डाल दिया है।” रांची, टाटा, बोकारो, हजारीबाग, गढ़वा जैसे शहरों से निकलकर अमेरिका में सपने सजाने वाले युवाओं पर यह फैसला सीधा असर डालेगा। कई परिवारों के भविष्य की योजनाएं अधर में लटक सकती हैं।

NEWSANP के लिए ब्यूरो रिपोर्ट

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